Menu
blogid : 19420 postid : 965535

कलाम साहब की याद में

मीत की कलम से
मीत की कलम से
  • 51 Posts
  • 23 Comments

केवल भारत रत्न नहीं, वो सबके दिल का राजा था !

इतनी जल्दी खो बैठेंगे, हमें नहीं अंदाजा था !!

मौत पे उनकी फ़ूट फूट कर, आसमान भी रोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

बचपन में अखबार बेचकर, शिक्षा अपनी पूरी की !

माँगी नहीं रियायत कोई, गरीबी या मजबूरी की !!

अपने दम पर उसने अपना, हर सपना संजोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

अग्नि, पृथ्वी और आकाश की, भारत को सौगात दी !

नाग, त्रिशूल, ब्रम्होस नाम की, मिसाईलें ईजाद की !!

परमाणु परीक्षण करके, नया बीज एक बोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

राजनीति से वो दूर रहा, पर देश का वो सरताज बना !

नीति और न्याय का द्योतक, उनका हर अल्फ़ाज बना !!

जाते वक्त भी हर पार्टी को, धागे में पिरोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

सुना है मैंने, मिसाईल से भी डेंजर उनकी मुस्कान थी !

लहराती हुयी जुल्फ़ें उनकी, मानो एक तूफ़ान थी !!

दुश्मन के अरमानों को भी, अंदाज से अपने धोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

जो खुद ही #कलाम हैं यारों, उन पर क्या कलाम लिखूँ !

सोंच रहा हूँ कलम से अपनी, उनको एक सलाम लिखूँ !!

आज आपकी रुखसत पर, इस ‘मीत’ का दिल भी रोया है !

हिंद देश ने फ़िर से अपने, कोहिनूर को खोया है !!

– अमित ‘मीत’

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh