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गुमशुदा हिँदी

मीत की कलम से
मीत की कलम से
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बहुत शर्म आती है मुझको,
जब कोई ये कहता है कि उसे हिँदी नहीँ आती….

बहुत शर्म आती है मुझको,
जब कोई ‘मोबाईल नंबर’ इंगलिश मेँ बताने को कहता है….

बहुत शर्म आती है मुझको,
जब आजकल के बच्चे हिँदी मेँ गिनती नहीँ लिख पाते….

बहुत शर्म आती है मुझको,
जब कोई नेता या मंत्री इंगलिश मेँ भाषण देता है….

बहुत शर्म आती है मुझको,
जब कोई हिँदी मेँ लिखा आवेदन भर नहीँ पाता….

बहुत शर्म आती है मुझको,
जब कोई हिँदी मेँ लिखे स्टेटस को इंगलिश मेँ ट्रांसलेट करने को कहता है….

बहुत शर्म आयी आज मुझको,
जब मैँने एक जगह पर ये पढ़ा –
‘हिँदी का सबसे ज्यादा प्रयोग अंतर्वासना जैसी साइट्स पर होता है’

अब भी वक्त है, संभल जाओ….
वरना कल को ‘हिँदुस्तानी’ का मतलब भी इंगलिश मेँ समझाना पड़ेगा….

_अमित ‘मीत’

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